ये एक Kids Bedtime Stories है। Kids Hindi stories बच्चों को ध्यान मै रख कर बनाई गयी है जो उनमें दोस्ती,ज्ञान और विश्वास को की भावना को बड़ती है।

एक समय की बात है, एक घने जंगल में एक मूना नाम की चालाक बंदर रहती थी। मूना को उसकी चालाकी के लिए जंगलभर में जाना जाता था। वह हमेशा कुछ न कुछ शरारत करती रहती थी।

    एक सुबह, जब मूना पेड़ से पेड़ तक छलांग लगा रही थी, तो उसने देखा कि नदी में एक बड़ी लकड़ी तैर रही थी, जो शायद जंगल के बीच से बहकर आ रही थी। लकड़ी का टुकड़ा बड़ा था इसलिए उसके मन में एक ख्याल आया।

   मूना ने सोचा, "मैं इस लकड़ी का उपयोग करके नदी को पार कर सकती हूँ, बिना गीले हुए। यह मेरी काफी मुसीबतों को कम कर देगा।"

वह पेड़ से नदी किनारे की ओर स्विंग करने लगी और लकड़ी पर कूद गई। वह खुद को स्थिर रखने की कोशिश कर रही थी परन्तु जैसे ही लकड़ी नदी के नीचे जाने लगी, तो वह थोड़ी हिचकिचाई, लेकिन जल्दी ही वह उसकी प्रैक्टिस कर ली।


    जैसे-जैसे मूना लकड़ी पर चढ़ती जा रही थी
, वह नदी में तैर रहे कुछ मछलियों को देखी। वे उसे देखकर बोले, "हे, मूना! तुम उस लकड़ी पर क्या कर रही हो?"

मूना गर्व से बोली, "मैं बिना गीली होकर नदी को पार कर रही हूँ। मैं बहुत ही चालाक हूँ, क्या नहीं?"

मछलियाँ हँसी में बोली और कही, "मूना, तुम शायद अपने आप को चालाक समझती हो, लेकिन तुम ही वह नहीं हो जो बिना गीले होकर नदी पार कर सकती हो। हम भी यह कर सकते हैं।"

मूना हैरान हो गई। उसे पसंद नहीं था कि कोई भी उसकी चालाकी का सवाल उठाए। उसने कहा, "अच्छा? तो मुझे दिखाओ फिर।"

मछलियाँ लकड़ी के पास आईं और बोलीं, "मूना, ध्यान से देखो।" फिर वे लकड़ी के नीचे जाकर दुसरी ओर निकल आईं, पूरी तरह सूखी हुई।

मूना प्रभावित हुई, लेकिन वह यह नहीं चाहती थी कि वह उन्हें चालक मान ले। उसने फिर मछलियों से चुनौती देने का फैसला किया। "यह तो अच्छा था, लेकिन क्या आप अपनी आँखें बंद करके यह कर सकते हैं?" उसने पूछा।

मछलियाँ सहमत हो गईं और अपनी आँखें बंद कर ली। वे फिर से लकड़ी के नीचे गईं और दुसरी ओर बाहर निकल आईं, फिर भी सूखी हुई थीं।

मूना को यह अंदाजा हो गया कि मछलियाँ सचमुच चालाक हैं, और उसको इस खेल में उन्हें परास्त करने की बजाय उनकी चालाकी की सराहना करनी चाहिए। उसने हँसते हुए कहा, "तुम जीत गए, मछलियों! मैं शायद चालाक हूँ, लेकिन तुम और भी ज्यादा चालाक हो।"

उस दिन के बाद से, मूना और मछलियाँ अच्छे दोस्त बन गए और उन्होंने जंगल में कई सारे साहसिक काम किए। मोना ने सिखा कि हमेशा अपनी चालाकी को सिद्ध करने की कोशिश करने की आवश्यकता नहीं है। कभी-कभी, दूसरों की चालाकी को पहचानना और सराहना करना बेहतर हो सकता है।

और इस तरह, घने जंगल के दिल में, चालाक बंदर मूना ने विनम्रता और दूसरों की चालाकी को पहचानने के महत्व के बारे में एक मूल्यवान सिख ली।

कहानी का सिख: हमें दूसरों की चालाकी की क्षमताओं को पहचानना और उसकी सराहना करनी चाहिए, नाकि हमेश खुद को सबित करने की कोशिश करनी चाहिए। 


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